الرحمن
Ar-Rahman
The Beneficent
1 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 001
ٱلرَّحۡمَٰنُ
अत्यंत दयावान् ने।
2 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 002
عَلَّمَ ٱلۡقُرۡءَانَ
यह क़ुरआन सिखाया।
3 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 003
خَلَقَ ٱلۡإِنسَٰنَ
उसने मनुष्य को पैदा किया।
4 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 004
عَلَّمَهُ ٱلۡبَيَانَ
उसे बात करना सिखाया।
5 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 005
ٱلشَّمۡسُ وَٱلۡقَمَرُ بِحُسۡبَانٖ
सूर्य तथा चंद्रमा एक हिसाब से चल रहे हैं।
6 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 006
وَٱلنَّجۡمُ وَٱلشَّجَرُ يَسۡجُدَانِ
तथा बिना तने के पौधे और पेड़ सजदा करते हैं।
7 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 007
وَٱلسَّمَآءَ رَفَعَهَا وَوَضَعَ ٱلۡمِيزَانَ
और उसने आकाश को ऊँचा किया और न्याय का संतुलन स्थापित किया।[1]
1. (देखिए : सूरतुल-ह़दीद, आयत : 25) अर्थ यह है कि धरती में न्याय का नियम बनाया और उसके पालन का आदेश दिया।
8 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 008
أَلَّا تَطۡغَوۡاْ فِي ٱلۡمِيزَانِ
ताकि तुम माप-तौल में अति न करो।
9 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 009
وَأَقِيمُواْ ٱلۡوَزۡنَ بِٱلۡقِسۡطِ وَلَا تُخۡسِرُواْ ٱلۡمِيزَانَ
तथा न्याय के साथ तौल को सीधा रखो और माप-तौल में कमी न करो।
10 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 010
وَٱلۡأَرۡضَ وَضَعَهَا لِلۡأَنَامِ
और उसने धरती को सृष्टि के लिए (रहने योग्य) बनाया।
11 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 011
فِيهَا فَٰكِهَةٞ وَٱلنَّخۡلُ ذَاتُ ٱلۡأَكۡمَامِ
उसमें फल हैं, तथा आवरणों वाले खजूर के वृक्ष हैं।
12 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 012
وَٱلۡحَبُّ ذُو ٱلۡعَصۡفِ وَٱلرَّيۡحَانُ
और भूसे वाले अन्न तथा सुगंधित पौधे हैं।
13 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 013
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
14 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 014
خَلَقَ ٱلۡإِنسَٰنَ مِن صَلۡصَٰلٖ كَٱلۡفَخَّارِ
उसने मनुष्य को ठीकरी की तरह बजने वाली मिट्टी से पैदा किया।
15 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 015
وَخَلَقَ ٱلۡجَآنَّ مِن مَّارِجٖ مِّن نَّارٖ
तथा जिन्नों को आग की ज्वाला से पैदा किया।
16 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 016
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
17 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 017
رَبُّ ٱلۡمَشۡرِقَيۡنِ وَرَبُّ ٱلۡمَغۡرِبَيۡنِ
(वह) सूर्योदय[2] के दोनों स्थानों तथा सूर्यास्त के दोनों स्थानों का रब है।
2. गर्मी तथा जाड़े में सूर्योदय तथा सूर्यास्त के स्थानों का। इससे अभिप्राय पूर्व तथा पश्चिम की दिशा नहीं है।
18 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 018
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
19 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 019
مَرَجَ ٱلۡبَحۡرَيۡنِ يَلۡتَقِيَانِ
उसने दो सागरों को मिला दिया, जो (देखने में) आपस में मिलते हैं।
20 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 020
بَيۡنَهُمَا بَرۡزَخٞ لَّا يَبۡغِيَانِ
उन दोनों के बीच एक अवरोध है (जिससे) वे आगे नहीं बढ़ते।
21 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 021
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
22 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 022
يَخۡرُجُ مِنۡهُمَا ٱللُّؤۡلُؤُ وَٱلۡمَرۡجَانُ
उन दोनों से मोती और मूँगा निकलते हैं।
23 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 023
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
24 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 024
وَلَهُ ٱلۡجَوَارِ ٱلۡمُنشَـَٔاتُ فِي ٱلۡبَحۡرِ كَٱلۡأَعۡلَٰمِ
तथा उसी के अधिकार में हैं समुद्र में चलने वाले पहाड़ों जैसे जहाज़।
25 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 025
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
26 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 026
كُلُّ مَنۡ عَلَيۡهَا فَانٖ
हर कोई जो इस (धरती) पर है, नष्ट होने वाला है।
27 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 027
وَيَبۡقَىٰ وَجۡهُ رَبِّكَ ذُو ٱلۡجَلَٰلِ وَٱلۡإِكۡرَامِ
तथा आपके पालनहार का चेहरा बाक़ी रहेगा, जो बड़ी महिमा और सम्मान वाला है।
28 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 028
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
29 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 029
يَسۡـَٔلُهُۥ مَن فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِۚ كُلَّ يَوۡمٍ هُوَ فِي شَأۡنٖ
उसी से माँगता है, जो कोई आकाशों तथा धरती में है। वह प्रतिदिन एक (नए) कार्य में है।[3]
3. अर्थात वह अपनी उत्पत्ति की आवश्यकताएँ पूरी करता, प्रार्थनाएँ सुनता, सहायता करता, रोगी को निरोग करता, अपनी दया प्रदान करता, तथा अपमान-सम्मान और विजय-प्राजय देता और अनगिनत कार्य करता है।
30 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 030
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
31 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 031
سَنَفۡرُغُ لَكُمۡ أَيُّهَ ٱلثَّقَلَانِ
हम जल्द ही तुम्हारे लिए फ़ारिग़ होंगे[4] ऐ दो भारी समूहो! (जिन्नो और इनसानो!)[5]
4. इस वाक्या का अर्थ मुह़ावरे में धमकी देना और सावधान करना है। 5. इसमें प्रलय के दिन की ओर संकेत है जब सब मनुष्यों और जिन्नों के कर्मों का ह़िसाब लिया जाएगा।
32 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 032
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
33 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 033
يَٰمَعۡشَرَ ٱلۡجِنِّ وَٱلۡإِنسِ إِنِ ٱسۡتَطَعۡتُمۡ أَن تَنفُذُواْ مِنۡ أَقۡطَارِ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ فَٱنفُذُواْۚ لَا تَنفُذُونَ إِلَّا بِسُلۡطَٰنٖ
ऐ जिन्न तथा मनुष्य के समूह! यदि तुम आकाशों तथा धरती के किनारों से निकल सकते हो, तो निकल भागो, (परंतु) तुम शक्ति (प्रभुत्व) के बिना नहीं निकल सकोगे।[6]
6. अर्थ यह है कि अल्लाह की पकड़ से बच निकलना तुम्हारे बस में नहीं है।
34 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 034
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
35 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 035
يُرۡسَلُ عَلَيۡكُمَا شُوَاظٞ مِّن نَّارٖ وَنُحَاسٞ فَلَا تَنتَصِرَانِ
तुम दोनों पर आग का ज्वाला तथा धुआँ छोड़ा जाएगा। फिर तुम अपने आपको बचा नहीं सकोगे।
36 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 036
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
37 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 037
فَإِذَا ٱنشَقَّتِ ٱلسَّمَآءُ فَكَانَتۡ وَرۡدَةٗ كَٱلدِّهَانِ
फिर जब आकाश फट जाएगा, तो वह तेल की तरह लाल हो जाएगा।
38 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 038
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
39 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 039
فَيَوۡمَئِذٖ لَّا يُسۡـَٔلُ عَن ذَنۢبِهِۦٓ إِنسٞ وَلَا جَآنّٞ
फिर उस दिन न किसी मनुष्य से उसके गुनाह के बारे में पूछा जाएगा और न किसी जिन्न से।
40 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 040
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
41 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 041
يُعۡرَفُ ٱلۡمُجۡرِمُونَ بِسِيمَٰهُمۡ فَيُؤۡخَذُ بِٱلنَّوَٰصِي وَٱلۡأَقۡدَامِ
अपराधियों की पहचान उनके चिह्नों से होगी, फिर माथे के बालों और पैरों से (उन्हें) पकड़ा जाएगा।
42 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 042
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
43 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 043
هَٰذِهِۦ جَهَنَّمُ ٱلَّتِي يُكَذِّبُ بِهَا ٱلۡمُجۡرِمُونَ
यही है वह जहन्नम, जिसे अपराधी लोग झुठलाते थे।
44 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 044
يَطُوفُونَ بَيۡنَهَا وَبَيۡنَ حَمِيمٍ ءَانٖ
वे उसके और खौलते हुए पानी के बीच चक्कर लगा रहे होंगे।
45 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 045
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
46 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 046
وَلِمَنۡ خَافَ مَقَامَ رَبِّهِۦ جَنَّتَانِ
और जो व्यक्ति अपने पालनहार के समक्ष खड़े होने से डर गया, उसके लिए दो बाग़ हैं।
47 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 047
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
48 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 048
ذَوَاتَآ أَفۡنَانٖ
दोनों बहुत शाखाओं वाले हैं।
49 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 049
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
50 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 050
فِيهِمَا عَيۡنَانِ تَجۡرِيَانِ
उन दोनों में दो जल स्रोत बहते हैं।
51 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 051
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
52 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 052
فِيهِمَا مِن كُلِّ فَٰكِهَةٖ زَوۡجَانِ
उन दोनों में प्रत्येक फल के दो प्रकार हैं।
53 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 053
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
54 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 054
مُتَّكِـِٔينَ عَلَىٰ فُرُشِۭ بَطَآئِنُهَا مِنۡ إِسۡتَبۡرَقٖۚ وَجَنَى ٱلۡجَنَّتَيۡنِ دَانٖ
ऐसे बिस्तरों पर तकिए लगाए होंगे, जिनके स्तर मोटे रेशम के हैं और दोनों बाग़ों के फल निकट हैं।
55 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 055
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
56 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 056
فِيهِنَّ قَٰصِرَٰتُ ٱلطَّرۡفِ لَمۡ يَطۡمِثۡهُنَّ إِنسٞ قَبۡلَهُمۡ وَلَا جَآنّٞ
उनमें नीची निगाहों वाली औरतें हैं, जिन्हें उनसे पहले न किसी मनुष्य ने हाथ लगाया है और न किसी जिन्न ने।
57 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 057
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
58 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 058
كَأَنَّهُنَّ ٱلۡيَاقُوتُ وَٱلۡمَرۡجَانُ
मानो वे (स्त्रियाँ) माणिक और मूँगा हैं।
59 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 059
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
60 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 060
هَلۡ جَزَآءُ ٱلۡإِحۡسَٰنِ إِلَّا ٱلۡإِحۡسَٰنُ
एहसान का बदला एहसान के सिवा क्या है?
61 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 061
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
62 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 062
وَمِن دُونِهِمَا جَنَّتَانِ
तथा इन दो (बाग़ों) के अलावा और दो बाग़ हैं।
63 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 063
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
64 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 064
مُدۡهَآمَّتَانِ
दोनों गहरे हरे रंग के हैं।
65 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 065
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
66 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 066
فِيهِمَا عَيۡنَانِ نَضَّاخَتَانِ
उन दोनों में जोश मारते हुए दो जल स्रोत हैं।
67 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 067
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
68 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 068
فِيهِمَا فَٰكِهَةٞ وَنَخۡلٞ وَرُمَّانٞ
उन दोनों में फल तथा खजूर के पेड़ और अनार हैं।
69 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 069
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
70 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 070
فِيهِنَّ خَيۡرَٰتٌ حِسَانٞ
उनमें कई अच्छे व्यवहार वाली, खूबसूरत महिलाएं हैं।
71 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 071
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
72 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 072
حُورٞ مَّقۡصُورَٰتٞ فِي ٱلۡخِيَامِ
हूरें (यानी गोरे बदन, काली आँखों वाली औरतें), जो खेमों में रोकी हुई हैं।
73 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 073
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
74 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 074
لَمۡ يَطۡمِثۡهُنَّ إِنسٞ قَبۡلَهُمۡ وَلَا جَآنّٞ
उनसे पहले न तो किसी मनुष्य ने उन्हें छुआ है और न ही किसी जिन्न ने।[7]
7. ह़दीस में है कि यदि स्वर्ग की कोई सुंदरी संसार वासियों की ओर झाँक दे, तो दोनों के बीच उजाला हो जाए और उन्हें सुगंध से भर दे। (सह़ीह़ बुख़ारी शरीफ़ : 2796)
75 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 075
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
76 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 076
مُتَّكِـِٔينَ عَلَىٰ رَفۡرَفٍ خُضۡرٖ وَعَبۡقَرِيٍّ حِسَانٖ
वे हरी और उत्कृष्ट एवं अति सुंदर क़ालीनों पर तकिया लगाए होंगे।
77 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 077
فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?
78 - Ar-Rahman (The Beneficent) - 078