العاديات

 

Al-'Adiyat

 

The Courser

1 - Al-'Adiyat (The Courser) - 001

وَٱلۡعَٰدِيَٰتِ ضَبۡحٗا
क़सम है उन घोड़ों की, जो पेट से साँस की आवाज़ निकालते हुए डौड़ने वाले हैं!

2 - Al-'Adiyat (The Courser) - 002

فَٱلۡمُورِيَٰتِ قَدۡحٗا
फिर टाप मारकर चिंगारियाँ निकालने वाले घोड़ों की क़सम!

3 - Al-'Adiyat (The Courser) - 003

فَٱلۡمُغِيرَٰتِ صُبۡحٗا
फिर सुबह के समय हमला करने वाले (घोड़ों) की क़सम!

4 - Al-'Adiyat (The Courser) - 004

فَأَثَرۡنَ بِهِۦ نَقۡعٗا
फिर उससे धूल उड़ाते हैं।

5 - Al-'Adiyat (The Courser) - 005

فَوَسَطۡنَ بِهِۦ جَمۡعًا
फिर वे उसके साथ (दुश्मन की) सेना के बीच घुस जाते हैं।

6 - Al-'Adiyat (The Courser) - 006

إِنَّ ٱلۡإِنسَٰنَ لِرَبِّهِۦ لَكَنُودٞ
निःसंदेह इनसान अपने पालनहार का बड़ा कृतघ्न (नाशुक्रा) है।

7 - Al-'Adiyat (The Courser) - 007

وَإِنَّهُۥ عَلَىٰ ذَٰلِكَ لَشَهِيدٞ
और निःसंदेह वह इसपर स्वयं गवाह है।[1]
1. (1-7) इन आरंभिक आयतों में मानवजाति (इनसान) की कृतघ्नता का वर्णन किया गया है। जिसकी भूमिका के रूप में एक पशु की कृतज्ञता को शपथ स्वरूप उदाहरण के लिए प्रस्तुत किया गया है। जिसे इनसान पोसता है, और वह अपने स्वामी का इतना भक्त होता है कि उसे अपने ऊपर सवार करके नीचे ऊँचे मार्गों पर रात-दिन की परवाह किए बिना दौड़ता और अपनी जान जोखिम में डाल देता है। परंतु इनसान जिसे अल्लाह ने पैदा किया, समझबूझ दी और उसके जीवन यापन के सभी साधन बनाए, वह उसका उपकार नहीं मानता और जानबूझ कर उसकी अवज्ञा करता है, उसे इस पशु से सीख लेनी चाहिए।

8 - Al-'Adiyat (The Courser) - 008

وَإِنَّهُۥ لِحُبِّ ٱلۡخَيۡرِ لَشَدِيدٌ
और निःसंदेह वह धन के मोह में बड़ा सख़्त है।[2]
2. इस आयत में उसकी कृतघ्नता का कारण बताया गया है कि जिस इनसान को सर्वाधिक प्रेम अल्लाह से होना चाहिए, वही अत्याधिक प्रेम धन से करता है।

9 - Al-'Adiyat (The Courser) - 009

۞أَفَلَا يَعۡلَمُ إِذَا بُعۡثِرَ مَا فِي ٱلۡقُبُورِ
तो क्या वह नहीं जानता, जब क़ब्रों में जो कुछ है, निकाल बाहर किया जाएगा?

10 - Al-'Adiyat (The Courser) - 010

وَحُصِّلَ مَا فِي ٱلصُّدُورِ
और जो कुछ सीनों में है, वह प्रकट कर दिया जाएगा।[3]
3. (9-10) इन आयतों में सावधान किया गया है कि सांसारिक जीवन के पश्चात एक दूसरा जीवन भी है तथा उसमें अल्लाह के सामने अपने कर्मों का उत्तर देना है, जो प्रत्येक के कर्मों का ही नहीं, उनके सीनों के भेदों को भी प्रकाश में ला कर दिखा देगा कि किसने अपने धन तथा बल का कुप्रयोग कर कृतघ्नता की है, और किसने कृतज्ञता की है। और प्रत्येक को उसका प्रतिकार भी देगा। अतः इनसान को धन के मोह में अंधा तथा अल्लाह का कृतघ्न नहीं होना चाहिए, और उसके सत्धर्म का पालन करना चाहिए।

11 - Al-'Adiyat (The Courser) - 011

إِنَّ رَبَّهُم بِهِمۡ يَوۡمَئِذٖ لَّخَبِيرُۢ
निःसंदेह उनका पालनहार उस दिन उनके बारे में पूरी ख़बर रखने वाला है।[4]
4. अर्थात वह सूचित होगा कि कौन क्या है, और किस प्रतिकार का भागी है?

Scroll to Top