التين

 

At-Tin

 

The Fig

1 - At-Tin (The Fig) - 001

وَٱلتِّينِ وَٱلزَّيۡتُونِ
क़सम है अंजीर की! तथा ज़ैतून की!

2 - At-Tin (The Fig) - 002

وَطُورِ سِينِينَ
एवं "तूरे सीनीन" की क़सम!

3 - At-Tin (The Fig) - 003

وَهَٰذَا ٱلۡبَلَدِ ٱلۡأَمِينِ
और इस शान्ति वाले नगर की क़सम!

4 - At-Tin (The Fig) - 004

لَقَدۡ خَلَقۡنَا ٱلۡإِنسَٰنَ فِيٓ أَحۡسَنِ تَقۡوِيمٖ
निःसंदेह हमने इनसान को सबसे अच्छी संरचना में पैदा किया है।

5 - At-Tin (The Fig) - 005

ثُمَّ رَدَدۡنَٰهُ أَسۡفَلَ سَٰفِلِينَ
फिर हमने उसे सबसे नीची हालत की ओर लौटा दिया।

6 - At-Tin (The Fig) - 006

إِلَّا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ فَلَهُمۡ أَجۡرٌ غَيۡرُ مَمۡنُونٖ
परंतु जो लोग ईमान लाए तथा उन्होंने सत्कर्म किए, उनके लिए समाप्त न होने वाला बदला है।

7 - At-Tin (The Fig) - 007

فَمَا يُكَذِّبُكَ بَعۡدُ بِٱلدِّينِ
फिर (ऐ मनुष्य) तुझे कौन-सी चीज़ बदले (के दिन) को झुठलाने पर आमादा करती है?

8 - At-Tin (The Fig) - 008

أَلَيۡسَ ٱللَّهُ بِأَحۡكَمِ ٱلۡحَٰكِمِينَ
क्या अल्लाह सब हाकिमों से बड़ा हाकिम नहीं है?

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