الدخان

 

Ad-Dukhan

 

The Smoke

1 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 001

حمٓ
ह़ा, मीम।

2 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 002

وَٱلۡكِتَٰبِ ٱلۡمُبِينِ
क़सम है स्पष्ट करने वाली पुस्तक की।

3 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 003

إِنَّآ أَنزَلۡنَٰهُ فِي لَيۡلَةٖ مُّبَٰرَكَةٍۚ إِنَّا كُنَّا مُنذِرِينَ
निःसंदेह हमने इसे[1] एक बरकत वाली रात में उतारा है। निःसंदेह हम डराने वाले थे।
1. बरकत वाली रात से अभिप्राय "लैलतुल क़द्र" है। यह रमज़ान के महीने के अंतिम दशक की एक विषम रात्रि होती है। यहाँ आगे बताया जा रहा है कि इसी रात्रि में पूरे वर्ष होने वाले विषय का निर्णय किया जाता है। इस शुभ रात की विशेषता तथा प्रधानता के लिए सूरतुल-क़द्र देखिए। इसी शुभ रात्रि में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर क़ुरआन उतरने का आरंभ हुआ। फिर 23 वर्षों तक आवश्यकतानुसार विभिन्न समय में उतरता रहा। (देखिए : सूरतुल-बक़रह, आयत संख्या : 185)

4 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 004

فِيهَا يُفۡرَقُ كُلُّ أَمۡرٍ حَكِيمٍ
इसी (रात) में प्रत्येक अटल मामले का निर्णय किया जाता है।

5 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 005

أَمۡرٗا مِّنۡ عِندِنَآۚ إِنَّا كُنَّا مُرۡسِلِينَ
हमारी ओर से आदेश के कारण। निःसंदेह हम ही भेजने वाले थे।

6 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 006

رَحۡمَةٗ مِّن رَّبِّكَۚ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلسَّمِيعُ ٱلۡعَلِيمُ
आपके पालनहार की दया के कारण। निश्चय वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।

7 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 007

رَبِّ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا بَيۡنَهُمَآۖ إِن كُنتُم مُّوقِنِينَ
जो आकाशों तथा धरती और उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों का पालनहार है, यदि तुम विश्वास करने वाले हो।

8 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 008

لَآ إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ يُحۡيِۦ وَيُمِيتُۖ رَبُّكُمۡ وَرَبُّ ءَابَآئِكُمُ ٱلۡأَوَّلِينَ
उसके अतिरिक्त कोई सत्य पूज्य नहीं। वही जीवित करता और मारता है। तुम्हारा पालनहार तथा तुम्हारे पहले बाप-दादाओं का पालनहार है।

9 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 009

بَلۡ هُمۡ فِي شَكّٖ يَلۡعَبُونَ
बल्कि वे संदेह में पड़े खेल रहे हैं।

10 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 010

فَٱرۡتَقِبۡ يَوۡمَ تَأۡتِي ٱلسَّمَآءُ بِدُخَانٖ مُّبِينٖ
तो आप उस दिन की प्रतीक्षा करें, जब आकाश प्रत्यक्ष धुआँ[2] लाएगा।
2. इस प्रत्यक्ष धुएँ तथा दुःखदायी यातना की व्याख्या सह़ीह़ ह़दीस में यह आयी है कि जब मक्कावासियों ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का कड़ा विरोध किया, तो आपने यह शाप दिया कि ऐ अल्लाह! उनपर सात वर्ष का अकाल भेज दे। और जब अकाल आया, तो भूख के कारण उन्हें धुआँ जैसा दिखाई देने लगा। तब उन्होंने आप से कहा कि आप अल्लाह से प्रार्थना कर दें। वह हमसे अकाल दूर कर देगा, तो हम ईमान ले आएँगे। और जब अकाल दूर हुआ तो फिर अपनी स्थिति पर लौट आए। फिर अल्लाह ने बद्र के युद्ध के दिन उनसे बदला लिया। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4821, तथा सह़ीह़ मुस्लिम : 2798)

11 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 011

يَغۡشَى ٱلنَّاسَۖ هَٰذَا عَذَابٌ أَلِيمٞ
जो लोगों को ढाँप लेगा। यह दुःखदायी यातना है।

12 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 012

رَّبَّنَا ٱكۡشِفۡ عَنَّا ٱلۡعَذَابَ إِنَّا مُؤۡمِنُونَ
ऐ हमारे पालनहार! हमसे यह यातना दूर कर दे। निःसंदेह हम ईमान लाने वाले हैं।

13 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 013

أَنَّىٰ لَهُمُ ٱلذِّكۡرَىٰ وَقَدۡ جَآءَهُمۡ رَسُولٞ مُّبِينٞ
उनके लिए नसीहत कहाँ? हालाँकि, निश्चित रूप से उनके पास स्पष्ट करने वाला रसूल आ चुका।

14 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 014

ثُمَّ تَوَلَّوۡاْ عَنۡهُ وَقَالُواْ مُعَلَّمٞ مَّجۡنُونٌ
फिर उन्होंने उससे मुँह फेर लिया और उन्होंने कहा : यह तो सिखाया हुआ है, यह पागल है।

15 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 015

إِنَّا كَاشِفُواْ ٱلۡعَذَابِ قَلِيلًاۚ إِنَّكُمۡ عَآئِدُونَ
निःसंदेह हम इस यातना को थोड़ी देर के लिए दूर करने वाले हैं। (परंतु) निःसंदेह तुम फिर वही कुछ करने वाले हो।

16 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 016

يَوۡمَ نَبۡطِشُ ٱلۡبَطۡشَةَ ٱلۡكُبۡرَىٰٓ إِنَّا مُنتَقِمُونَ
जिस दिन हम बड़ी पकड़[3] पकड़ेंगे, निःसंदेह हम बदला लेने वाले हैं।
3. यह बड़ी पकड़ का दिन बद्र के युद्ध का दिन है। जिसमें उनके बड़े-बड़े सत्तर प्रमुख मारे गए तथा इतनी ही संख्या में बंदी बनाए गए। और उनकी दूसरी पकड़ क़ियामत के दिन होगी, जो इससे भी बड़ी और गंभीर होगी।

17 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 017

۞وَلَقَدۡ فَتَنَّا قَبۡلَهُمۡ قَوۡمَ فِرۡعَوۡنَ وَجَآءَهُمۡ رَسُولٞ كَرِيمٌ
तथा निःसंदेह हमने इनसे पूर्व फ़िरऔन की जाति की परीक्षा ली तथा उनके पास एक अति सम्मानित रसूल आया।

18 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 018

أَنۡ أَدُّوٓاْ إِلَيَّ عِبَادَ ٱللَّهِۖ إِنِّي لَكُمۡ رَسُولٌ أَمِينٞ
यह कि अल्लाह के बंदों को मेरे हवाले कर दो। निश्चय मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।

19 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 019

وَأَن لَّا تَعۡلُواْ عَلَى ٱللَّهِۖ إِنِّيٓ ءَاتِيكُم بِسُلۡطَٰنٖ مُّبِينٖ
तथा यह कि अल्लाह के मुक़ाबले में सरकशी न करो, निःसंदेह मैं तुम्हारे पास स्पष्ट प्रमाण लाने वाला हूँ।

20 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 020

وَإِنِّي عُذۡتُ بِرَبِّي وَرَبِّكُمۡ أَن تَرۡجُمُونِ
तथा निःसंदेह मैंने अपने पालनहार तथा तुम्हारे पालनहार की इससे शरण ली है कि तुम मुझपर पथराव कर मेरी जान ले लो।

21 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 021

وَإِن لَّمۡ تُؤۡمِنُواْ لِي فَٱعۡتَزِلُونِ
और अगर तुम मेरी बात नहीं मानते, तो मुझसे दूर रहो।

22 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 022

فَدَعَا رَبَّهُۥٓ أَنَّ هَـٰٓؤُلَآءِ قَوۡمٞ مُّجۡرِمُونَ
अंततः उसने अपने पालनहार को पुकारा कि निःसंदेह ये अपराधी लोग हैं।

23 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 023

فَأَسۡرِ بِعِبَادِي لَيۡلًا إِنَّكُم مُّتَّبَعُونَ
अतः तुम मेरे बंदों को लेकर रातों-रात चले जाओ। निःसंदेह तुम्हारा पीछा किया जाएगा।

24 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 024

وَٱتۡرُكِ ٱلۡبَحۡرَ رَهۡوًاۖ إِنَّهُمۡ جُندٞ مُّغۡرَقُونَ
तथा सागर को अपनी दशा पर ठहरा हुआ छोड़ दे। निःसंदेह वे एक ऐसी सेना हैं, जो डुबोए जाने वाले हैं।

25 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 025

كَمۡ تَرَكُواْ مِن جَنَّـٰتٖ وَعُيُونٖ
वे कितने ही बाग़ और जल स्रोत छोड़ गए।

26 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 026

وَزُرُوعٖ وَمَقَامٖ كَرِيمٖ
तथा खेतियाँ और बढ़िया स्थान।

27 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 027

وَنَعۡمَةٖ كَانُواْ فِيهَا فَٰكِهِينَ
तथा सुख-सामग्री, जिनमें वे आनंद ले रहे थे।

28 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 028

كَذَٰلِكَۖ وَأَوۡرَثۡنَٰهَا قَوۡمًا ءَاخَرِينَ
ऐसा ही हुआ और हमने उनका उत्तराधिकारी दूसरे[4] लोगों को बना दिया।
4. अर्थात बनी इसराईल (याक़ूब अलैहिस्सलाम की संतान) को।

29 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 029

فَمَا بَكَتۡ عَلَيۡهِمُ ٱلسَّمَآءُ وَٱلۡأَرۡضُ وَمَا كَانُواْ مُنظَرِينَ
फिर न उनपर आकाश और धरती रोए और न वे मोहलत पाने वाले हुए।

30 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 030

وَلَقَدۡ نَجَّيۡنَا بَنِيٓ إِسۡرَـٰٓءِيلَ مِنَ ٱلۡعَذَابِ ٱلۡمُهِينِ
तथा निःसंदेह हमने इसराईल की संतान को अपमानकारी यातना से बचा लिया।

31 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 031

مِن فِرۡعَوۡنَۚ إِنَّهُۥ كَانَ عَالِيٗا مِّنَ ٱلۡمُسۡرِفِينَ
फ़िरऔन से। निःसंदेह वह हद से बढ़ने वालों में से एक सरकश व्यक्ति था।

32 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 032

وَلَقَدِ ٱخۡتَرۡنَٰهُمۡ عَلَىٰ عِلۡمٍ عَلَى ٱلۡعَٰلَمِينَ
तथा निःसंदेह हमने उन्हें ज्ञान के आधार पर संसार वासियों पर चुन लिया।

33 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 033

وَءَاتَيۡنَٰهُم مِّنَ ٱلۡأٓيَٰتِ مَا فِيهِ بَلَـٰٓؤٞاْ مُّبِينٌ
तथा हमने उन्हें ऐसी निशानियाँ प्रदान कीं, जिनमें खुली परीछा थी।

34 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 034

إِنَّ هَـٰٓؤُلَآءِ لَيَقُولُونَ
निःसंदेह ये[5] लोग निश्चय कहते हैं।
5. अर्थात मक्का के मुश्रिक कहते हैं कि सांसारिक जीवन ही अंतिम जीवन है। इसके पश्चात् परलोक का जीवन नहीं है।

35 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 035

إِنۡ هِيَ إِلَّا مَوۡتَتُنَا ٱلۡأُولَىٰ وَمَا نَحۡنُ بِمُنشَرِينَ
कि हमारी इस पहली मृत्यु के सिवा कोई (मृत्यु) नहीं, और न हम कभी दोबारा उठाए जाएँगे।

36 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 036

فَأۡتُواْ بِـَٔابَآئِنَآ إِن كُنتُمۡ صَٰدِقِينَ
तो तुम हमारे बाप-दादा को ले आओ, यदि तुम सच्चे हो?

37 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 037

أَهُمۡ خَيۡرٌ أَمۡ قَوۡمُ تُبَّعٖ وَٱلَّذِينَ مِن قَبۡلِهِمۡ أَهۡلَكۡنَٰهُمۡۚ إِنَّهُمۡ كَانُواْ مُجۡرِمِينَ
क्या ये लोग बेहतर हैं, अथवा तुब्बा' की जाति[6] तथा वे लोग जो उनसे पूर्व थे? हमने उन्हें विनष्ट कर दिया। निःसंदेह वे अपराधी थे।
6. तुब्बा' की जाति से अभिप्राय यमन की जाति सबा है। जिसके विनाश का वर्णन सूरत सबा में किया गया है। तुब्बा' ह़िम्यर जाति के शासकों की उपाधि थी जिसे उनकी अवज्ञा के कारण ध्वस्त कर दिया गया। (देखिए : सूरत सबा की आयत : 15 से 19 तक।)

38 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 038

وَمَا خَلَقۡنَا ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضَ وَمَا بَيۡنَهُمَا لَٰعِبِينَ
और हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है, खेलते हुए नहीं बनाया है।

39 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 039

مَا خَلَقۡنَٰهُمَآ إِلَّا بِٱلۡحَقِّ وَلَٰكِنَّ أَكۡثَرَهُمۡ لَا يَعۡلَمُونَ
हमने उन दोनों को सत्य ही के साथ पैदा किया है, किंतु उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते।

40 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 040

إِنَّ يَوۡمَ ٱلۡفَصۡلِ مِيقَٰتُهُمۡ أَجۡمَعِينَ
निश्चय फ़ैसले[7] का दिन उन सब का नियत समय है।
7. अर्थात आकाशों तथा धरती की रचना लोगों की परीक्षा के लिए की गई है। और परीक्षा फल के लिए प्रलय का समय निर्धारित कर दिया गया है।

41 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 041

يَوۡمَ لَا يُغۡنِي مَوۡلًى عَن مَّوۡلٗى شَيۡـٔٗا وَلَا هُمۡ يُنصَرُونَ
जिस दिन कोई साथी किसी साथी के कुछ काम न आएगा और न उनकी सहायता की जाएगी।

42 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 042

إِلَّا مَن رَّحِمَ ٱللَّهُۚ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ
किंतु जिसपर अल्लाह ने दया की, निःसंदेह वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान है।

43 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 043

إِنَّ شَجَرَتَ ٱلزَّقُّومِ
निःसंदेह ज़क़्क़ूम (थूहड़) का वृक्ष।

44 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 044

طَعَامُ ٱلۡأَثِيمِ
पापी का भोजन है।

45 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 045

كَٱلۡمُهۡلِ يَغۡلِي فِي ٱلۡبُطُونِ
पिघले हुए ताँबे (या तलछट) की तरह, पेटों में खौलता है।

46 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 046

كَغَلۡيِ ٱلۡحَمِيمِ
गर्म पानी के खौलने की तरह।

47 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 047

خُذُوهُ فَٱعۡتِلُوهُ إِلَىٰ سَوَآءِ ٱلۡجَحِيمِ
इसे पकड़ो, फिर इसे धधकती आग के बीच तक घसीटकर ले जाओ।

48 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 048

ثُمَّ صُبُّواْ فَوۡقَ رَأۡسِهِۦ مِنۡ عَذَابِ ٱلۡحَمِيمِ
फिर खौलते हुए पानी की कुछ यातना उसके सिर पर उँडेल दो।[8]
8. ह़दीस में है कि इससे जो कुछ उसके भीतर होगा पिघलकर दोनों पाँव के बीच से निकल जाएगा, फिर उसे अपनी पहली दशा पर कर दिया जाएगा। (तिर्मिज़ी : 2582, इस ह़दीस की सनद हसन है।)

49 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 049

ذُقۡ إِنَّكَ أَنتَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلۡكَرِيمُ
चख, निःसंदेह तू ही वह व्यक्ति है जो बड़ा बलशाली और सम्माननीय है।

50 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 050

إِنَّ هَٰذَا مَا كُنتُم بِهِۦ تَمۡتَرُونَ
निःसंदे यह वही है जिसके बारे में तुम संदेह करते थे।

51 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 051

إِنَّ ٱلۡمُتَّقِينَ فِي مَقَامٍ أَمِينٖ
निःसंदेह परहेज़गार लोग शांति एवं सुरक्षा वाली जगह में होंगे।

52 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 052

فِي جَنَّـٰتٖ وَعُيُونٖ
बाग़ों तथा जल स्रोतों में।

53 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 053

يَلۡبَسُونَ مِن سُندُسٖ وَإِسۡتَبۡرَقٖ مُّتَقَٰبِلِينَ
वे बारीक और गाढ़े रेशम के वस्त्र पहनेंगे, आमने-सामने बैठे होंगे।

54 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 054

كَذَٰلِكَ وَزَوَّجۡنَٰهُم بِحُورٍ عِينٖ
ऐसा ही होगा और हम उनका विवाह गोरे बदन, काली आँखों वाली औरतों से कर देंगे, जो बड़ी-बड़ी आँखों वाली होंगी।

55 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 055

يَدۡعُونَ فِيهَا بِكُلِّ فَٰكِهَةٍ ءَامِنِينَ
वे उसमें निश्चिंत होकर हर प्रकार के फल मंगवाएँगे।

56 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 056

لَا يَذُوقُونَ فِيهَا ٱلۡمَوۡتَ إِلَّا ٱلۡمَوۡتَةَ ٱلۡأُولَىٰۖ وَوَقَىٰهُمۡ عَذَابَ ٱلۡجَحِيمِ
वे उसमें मृत्यु[9] का स्वाद नहीं चखेंगे, परंतु वह मृत्यु जो पहली थी, और वह (अल्लाह) उन्हें दहकती हुई आग के अज़ाब से बचा लेगा।
9. ह़दीस में है कि जब स्वर्गी स्वर्ग में और नारकी नरक में चले जाएँगे, तो मौत को स्वर्ग और नरक के बीच लाकर वध कर दिया जाएगा। और एलान कर दिया जाएगा कि अब मौत नहीं होगी। जिससे स्वर्गी प्रसन्न हो जाएँगे और नारकियों को शोक पर शोक हो जाएगा। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6548, सह़ीह़ मुस्लिम : 2850)

57 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 057

فَضۡلٗا مِّن رَّبِّكَۚ ذَٰلِكَ هُوَ ٱلۡفَوۡزُ ٱلۡعَظِيمُ
आपके पालनहार की ओर से अनुग्रह के कारण। यही बहुत बड़ी सफलता है।

58 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 058

فَإِنَّمَا يَسَّرۡنَٰهُ بِلِسَانِكَ لَعَلَّهُمۡ يَتَذَكَّرُونَ
सो तथ्य यही है कि हमने इसे आपकी भाषा में आसान कर दिया है, ताकि वे नसीहत ग्रहण करें।

59 - Ad-Dukhan (The Smoke) - 059

فَٱرۡتَقِبۡ إِنَّهُم مُّرۡتَقِبُونَ
अतः आप प्रतीक्षा करें,[10] निःसंदेह वे भी प्रतीक्षा करने वाले हैं।
10. अर्थात परिणाम की।

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